टूटे हुए पैमाने में कभी जाम नहीं आता; इश्क़ के मरीज़ों को कभी आराम नहीं आता; ऐ दिल तोड़ने वाले तुमने यह नहीं सोचा; कि टूटा हुआ दिल कभी किसी के काम नहीं आता। |
तेरे हसीन तस्सवुर का आसरा लेकर; दुखों के काँटे में सारे समेट लेता हूँ; तुम्हारा नाम ही काफी है राहत-ए-जान को; जिससे ग़मों की तेज़ हवाओं को मोड़ देता हूँ। |
पढ़ तो लिए है मगर अब कैसे फेंक दूँ; खुशबू तुम्हारे हाथों की इन कागज़ों में जो है। |
आवारगी छोड़ दी हमने तो लोग भूलने लगे हैं; वरना शोहरत कदम चूमती थी जब हम बदनाम हुआ करते थे। |
तू देख या न देख, तेरे देखने का ग़म नहीं; तेरा न देखना भी तेरे देखने से कम नहीं; शामिल नहीं हैं जिसमे तेरी यादे; वो जिन्दगी भी किसी जहन्नुम से कम नहीं। |
आँखों के परदे भी नम हो गए हैं; बातों के सिलसिले भी कम हो गए हैं; पता नहीं गलती किसकी है; वक़्त बुरा है या बुरे हम हो गए हैं। |
इक़रार कर गया कभी इंकार कर गया; हर बात एक अज़ब से दो-चार कर गया; रास्ता बदल के भी देखा मगर वो शख्स; दिल में उतर कर सारी हदें पार कर गया। |
कभी किसी से प्यार मत करना; हो जाए तो इनकार मत करना; निभा सको तो चलना उसकी राह पर; वरना किसी की ज़िंदगी बरबाद मत करना। |
सुना है जब वो मायूस होते हैं तो हमें बहुत याद करते हैं; तू ही बता ऐ खुदा अब दुआ उनकी खुशी की करुँ या मायूसी की। |
तुम ने जो दिल के अँधेरे में जलाया था कभी; वो दिया आज भी सीने में जला रखा है; देख आ कर दहकते हुए ज़ख्मों की बहार; मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रखा है। |