बेवफ़ाई Hindi Shayari

  • ​मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगे​;<br/>​एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे​;​<br/>​तो सारी उम्र मुस्करा न सकोगे​।Upload to Facebook
    ​मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगे​;
    ​एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे​;​
    ​तो सारी उम्र मुस्करा न सकोगे​।
  • वफाओं ​की बातें की हमने जफ़ाओं के सामने​;​<br/>​
ले चले हम चिराग़ हवाओं के सामने​;​<br/>​
उठे हैं जब भी हाथ बदली हैं क़िस्मतें​;<br/>​
मजबूर है ​खुदा भी दुआओं के सामने​। ​  ​Upload to Facebook
    वफाओं ​की बातें की हमने जफ़ाओं के सामने​;​
    ​ ले चले हम चिराग़ हवाओं के सामने​;​
    ​ उठे हैं जब भी हाथ बदली हैं क़िस्मतें​;
    ​ मजबूर है ​खुदा भी दुआओं के सामने​। ​ ​
  • दिल किसी से तब ही लगाना;<br/>
जब दिलों को पढ़ना सीख लो;<br/>
वरना हर एक चेहरे की फितरत में;<br/> 
ईमानदारी नहीं होती।Upload to Facebook
    दिल किसी से तब ही लगाना;
    जब दिलों को पढ़ना सीख लो;
    वरना हर एक चेहरे की फितरत में;
    ईमानदारी नहीं होती।
  • मत  बहा  आंसुओं में जिंदगी  को;<br/>
एक   नए जीवन का आगाज़  कऱ;<br/>
दिखानी है अगर दुश्मनी की हद तो;<br/> 
ज़िक्र भी मत कर, नज़र अंदाज़ कर। 
Upload to Facebook
    मत बहा आंसुओं में जिंदगी को;
    एक नए जीवन का आगाज़ कऱ;
    दिखानी है अगर दुश्मनी की हद तो;
    ज़िक्र भी मत कर, नज़र अंदाज़ कर।
  • मेरी नाराज़गी पर हक़ मेरे अहबाब का है बस;<br/>
भला दुश्मन से भी कोई कभी नाराज़ होता है।Upload to Facebook
    मेरी नाराज़गी पर हक़ मेरे अहबाब का है बस;
    भला दुश्मन से भी कोई कभी नाराज़ होता है।
  • वो बात ही कुछ अजीब थी;<br/>
वो हमसे रूठ गयी, जो दिल के सबसे करीब थी;<br/>
उसने तोड़ दिया दिल हमारा;<br/>
और लोग कहते है वो लड़की बहुत सरीफ थी |Upload to Facebook
    वो बात ही कुछ अजीब थी;
    वो हमसे रूठ गयी, जो दिल के सबसे करीब थी;
    उसने तोड़ दिया दिल हमारा;
    और लोग कहते है वो लड़की बहुत सरीफ थी |
  • नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता;<br/>
गौर फरमाइएगा;<br/>
नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता;<br/>
बुला के पार्क में यूं धोखे से अपने भाइयो से;<br/>
तो ना पिटवाया होता।Upload to Facebook
    नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता;
    गौर फरमाइएगा;
    नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता;
    बुला के पार्क में यूं धोखे से अपने भाइयो से;
    तो ना पिटवाया होता।
  • हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे;<br/>
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे;<br/>
किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा;<br/>
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।Upload to Facebook
    हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे;
    तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे;
    किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा;
    हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।
  • लगाया है जो दाग तूने हमें बेवफ़ा सनम;<br/>
हाय मेरी पाक मुहब्बत पर;<br/>
लगाये बैठे हैं इसे अपने सीने से हम;<br/>
प्यार की निशानी समझ कर। Upload to Facebook
    लगाया है जो दाग तूने हमें बेवफ़ा सनम;
    हाय मेरी पाक मुहब्बत पर;
    लगाये बैठे हैं इसे अपने सीने से हम;
    प्यार की निशानी समझ कर।
  • दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है;<br />
सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है;<br />
उसमें से हर एक बेवफा नहीं होता;<br />
उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है!Upload to Facebook
    दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है;
    सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है;
    उसमें से हर एक बेवफा नहीं होता;
    उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है!