मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगे; एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे; तो सारी उम्र मुस्करा न सकोगे। |
वफाओं की बातें की हमने जफ़ाओं के सामने; ले चले हम चिराग़ हवाओं के सामने; उठे हैं जब भी हाथ बदली हैं क़िस्मतें; मजबूर है खुदा भी दुआओं के सामने। |
दिल किसी से तब ही लगाना; जब दिलों को पढ़ना सीख लो; वरना हर एक चेहरे की फितरत में; ईमानदारी नहीं होती। |
मत बहा आंसुओं में जिंदगी को; एक नए जीवन का आगाज़ कऱ; दिखानी है अगर दुश्मनी की हद तो; ज़िक्र भी मत कर, नज़र अंदाज़ कर। |
मेरी नाराज़गी पर हक़ मेरे अहबाब का है बस; भला दुश्मन से भी कोई कभी नाराज़ होता है। |
वो बात ही कुछ अजीब थी; वो हमसे रूठ गयी, जो दिल के सबसे करीब थी; उसने तोड़ दिया दिल हमारा; और लोग कहते है वो लड़की बहुत सरीफ थी | |
नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता; गौर फरमाइएगा; नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता; बुला के पार्क में यूं धोखे से अपने भाइयो से; तो ना पिटवाया होता। |
हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे; तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे; किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा; हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे। |
लगाया है जो दाग तूने हमें बेवफ़ा सनम; हाय मेरी पाक मुहब्बत पर; लगाये बैठे हैं इसे अपने सीने से हम; प्यार की निशानी समझ कर। |
दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है; सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है; उसमें से हर एक बेवफा नहीं होता; उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है! |