छलक जाने दो पैमाने, मैखाने भी क्या याद रखेंगे; आया था कोई दिवाना, अपनी मोहब्बत को भुलाने! |
उसकी आंखों से एक चीज़ लाजवाब पीता हूँ; मैं हूँ तो गरीब पर सबसे महँगी शराब पीता हूँ! |
एक शराब की बोतल दबोच रखी है; तुझे भुलाने की तरकीब सोच रखी है! |
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर दोस्तों; की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं! |
कुछ नशा तो आपकी बात का है, कुछ नशा तो धीमी बरसात का है; हमें आप यूँ ही शराबी ना कहिये, इस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है! |
मैकदे लाख बंद करें जमाने वाले; शहर में कम नहीं आंखों से पिलाने वाले! |
नशा पिला के गिराना तो सब को आता है; मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी! |
ये ना पूछ मैं शराबी क्यूँ हुआ, बस यूँ समझ ले; गमों के बोझ से, नशे की बोतल सस्ती लगी! |
ये तन्हा सी ज़िन्दगी डराती है मुझे हर शाम; एहसान है की एक खोखली हिम्मत देता है ये जाम! |
पीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों; बादलो का रंग देख नीयत बदल गई! |