Abbas Tabish Hindi Shayari

  • हिज्र को हौसला और वस्ल को फ़ुर्सत दरकार;</br>
एक मोहब्बत के लिए एक जवानी कम है!</br></br>
*हिज्र: जुदाई</br>
*वस्ल: मिलन</br>
*दरकार: आवश्यकताUpload to Facebook
    हिज्र को हौसला और वस्ल को फ़ुर्सत दरकार;
    एक मोहब्बत के लिए एक जवानी कम है!

    *हिज्र: जुदाई
    *वस्ल: मिलन
    *दरकार: आवश्यकता
    ~ Abbas Tabish
  • ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन;</br>
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं!Upload to Facebook
    ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन;
    लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं!
    ~ Abbas Tabish
  • मोहब्बत एक दम दुख का मुदावा कर नहीं देती;
    ये तितली बैठती है ज़ख़्म पर आहिस्ता आहिस्ता।
    ~ Abbas Tabish
  • क्या ज़रूरी है कि हम हार के जीतें 'तबिश';
    इश्क़ का खेल बराबर भी तो हो सकता है!
    ~ Abbas Tabish