हिज्र को हौसला और वस्ल को फ़ुर्सत दरकार; एक मोहब्बत के लिए एक जवानी कम है! *हिज्र: जुदाई *वस्ल: मिलन *दरकार: आवश्यकता |
ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन; लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं! |
मोहब्बत एक दम दुख का मुदावा कर नहीं देती; ये तितली बैठती है ज़ख़्म पर आहिस्ता आहिस्ता। |
क्या ज़रूरी है कि हम हार के जीतें 'तबिश'; इश्क़ का खेल बराबर भी तो हो सकता है! |