Ahmad Mushtaq Hindi Shayari

  • ये पानी ख़ामोशी से बह रहा है;<br/>
इसे देखें कि इस में डूब जाएँ!Upload to Facebook
    ये पानी ख़ामोशी से बह रहा है;
    इसे देखें कि इस में डूब जाएँ!
    ~ Ahmad Mushtaq
  • घूम रहा हूँ तेरे ख़्यालों में;<br/>
तुझ को आवाज़ उम्र भर दी है!Upload to Facebook
    घूम रहा हूँ तेरे ख़्यालों में;
    तुझ को आवाज़ उम्र भर दी है!
    ~ Ahmad Mushtaq
  • पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है;<br/>
ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है!Upload to Facebook
    पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है;
    ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है!
    ~ Ahmad Mushtaq
  • अब उस की शक्ल भी मुश्किल से याद आती है;
    वो जिस के नाम से होते न थे जुदा मेरे लब।
    ~ Ahmad Mushtaq