Anjum Rumani Hindi Shayari

  • हम से भी गाहे गाहे मुलाक़ात चाहिए,
    इंसान हैं सभी तो मसावात चाहिए;

    अच्छा चलो ख़ुदा न सही उन को क्या हुआ ,
    आख़िर कोई तो क़ाज़ी-ए-हाजात चाहिए;

    है आक़बत ख़राब तो दुनिया ही ठीक हो,
    कोई तो सूरत-ए-गुज़र-औक़ात चाहिए;

    जाने पलक झपकने में क्या गुल खिलाए वक़्त,
    हर दम नज़र ब-सूरत-ए-हालात चाहिए;

    आएगी हम को रास न यक-रंगी-ए-ख़ला,
    अहल-ए-ज़मीं हैं हम हमें दिन रात चाहिए;

    वा कर दिए हैं इल्म ने दरिया-ए-मारिफ़त,
    अँधों को अब भी कश्फ़ ओ करामात चाहिए;

    जब क़ैस की कहानी अब अंजुम की दास्ताँ,
    दुनिया को दिल लगी के लिए बात चाहिए।
    ~ Anjum Rumani