Anwar Jalalpuri Hindi Shayari

  • दिल को जब अपने गुनाहों का ख़याल आ जायेगा;
    साफ़ और शफ्फ़ाफ़ आईने में बाल आ जायेगा;

    भूल जायेंगी ये सारी क़हक़हों की आदतें;
    तेरी खुशहाली के सर पर जब ज़वाल आ जायेगा;

    मुसतक़िल सुनते रहे गर दास्ताने कोह कन;
    बे हुनर हाथों में भी एक दिन कमाल आ जायेगा;

    ठोकरों पर ठोकरे बन जायेंगी दरसे हयात;
    एक दिन दीवाने में भी ऐतेदाल आ जायेगा;

    बहरे हाजत जो बढ़े हैं वो सिमट जायेंगे ख़ुद;
    जब भी उन हाथों से देने का सवाल आ जायेगा।
    ~ Anwar Jalalpuri