Aqeel Nomani Hindi Shayari

  • एहसास में शिद्दत है वही, कम नहीं होती,
    एक उम्र हुई, दिल की लगी कम नही होती;

    लगता है कहीं प्यार में थोड़ी-सी कमी थी,
    और प्यार में थोड़ी-सी कमी कम नहीं होती;

    अक्सर ये मेरा ज़ह्न भी थक जाता है लेकिन,
    रफ़्तार ख़यालों की कभी कम नहीं होती;

    था ज़ह्र को होंठों से लगाना ही मुनासिब,
    वरना ये मेरी तश्नालबी कम नहीं होती;

    मैं भी तेरे इक़रार पे फूला न समाता,
    तुझको भी मुझे पाके खुशी कम नहीं होती;

    फ़ितरत में तो दोनों की बहुत फ़र्क़ है लेकिन,
    ताक़त में समंदर से नदी कम नहीं होती।
    ~ Aqeel Nomani