Asar Lakhnavi Hindi Shayari

  • बहाना मिल न जाए बिजलियों को टूट पड़ने का;</br>
कलेजा काँपता है आशियाँ को आशियाँ कहते!</br></br>
*आशियाँ: घरUpload to Facebook
    बहाना मिल न जाए बिजलियों को टूट पड़ने का;
    कलेजा काँपता है आशियाँ को आशियाँ कहते!

    *आशियाँ: घर
    ~ Asar Lakhnavi
  • दिल को बर्बाद किये जाती है गम बदस्तूर किये जाती है;<br/>
मर चुकीं सारी उम्मीदें, आरजू है कि जिये जाती है!<br/><br/>

बदस्तूर  =   पहले की तरह, यथावत, यथापूर्वUpload to Facebook
    दिल को बर्बाद किये जाती है गम बदस्तूर किये जाती है;
    मर चुकीं सारी उम्मीदें, आरजू है कि जिये जाती है!

    बदस्तूर = पहले की तरह, यथावत, यथापूर्व
    ~ Asar Lakhnavi
  • उनके आने की बंधी थी आस जब तक हमनशीं;
    सुबह हो जाती थी अक्सर जानिब-ए-दर देखते।
    ~ Asar Lakhnavi
  • किसी के काम न जो आए वह आदमी क्या है;
    जो अपनी ही फिक्र में गुजरे, वह जिन्दगी क्या है।
    ~ Asar Lakhnavi
  • इधर से आज वो गुज़रे तो मुँह फेरे हुए गुज़रे;
    अब उन से भी हमारी बे-कसी देखी नहीं जाती।
    ~ Asar Lakhnavi
  • अच्छा है डूब जाये सफीना हयात का;
    उम्मीदो-आरजूओं का साहिल नहीं रहा।

    अनुवाद:
    सफीना = नाव
    हयात = ज़िंदगी
    साहिल = किनारा
    ~ Asar Lakhnavi
  • कुछ रोज़ यह भी रंग रहा तेरे इंतज़ार का;
    आँख उठ गई जिधर बस उधर देखते रहे।
    ~ Asar Lakhnavi