Gaffar Babar Hindi Shayari

  • सर किया ज़ुल्फ़ की शब को तो सहर तक पहुँचे; <br/>
वर्ना हम लोग कहाँ हुस्न-ए-नज़र तक पहुँचे!Upload to Facebook
    सर किया ज़ुल्फ़ की शब को तो सहर तक पहुँचे;
    वर्ना हम लोग कहाँ हुस्न-ए-नज़र तक पहुँचे!
    ~ Gaffar Babar