Ghulam Murtaza Kaif Kakorvi Hindi Shayari

  • तड़प जाता हूँ जब बिजली चमकती देख लेता हूँ;<br/>
कि इस से मिलता-जुलता सा किसी का मुस्कुराना है!Upload to Facebook
    तड़प जाता हूँ जब बिजली चमकती देख लेता हूँ;
    कि इस से मिलता-जुलता सा किसी का मुस्कुराना है!
    ~ Ghulam Murtaza Kaif Kakorvi