Harivansh Rai Bachhan Hindi Shayari

  • दाेस्ती, ना कभी इम्तिहान लेती है;<br/>
ना कभी इम्तिहान देती है;<br/>
दाेस्ती ताे वाे है, जाे बारिश में भीगे चेहरे पर भी;<br/>
आँसुओं काे पहचान लेती है।Upload to Facebook
    दाेस्ती, ना कभी इम्तिहान लेती है;
    ना कभी इम्तिहान देती है;
    दाेस्ती ताे वाे है, जाे बारिश में भीगे चेहरे पर भी;
    आँसुओं काे पहचान लेती है।
    ~ Harivansh Rai Bachhan