Ibn e Insha Hindi Shayari

  • हम भी वहीं मौजूद थे हम से भी सब पूछा किए,<br />
हम हँस दिए हम चुप रहे मंज़ूर था पर्दा तेरा;<br />
इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटीं महफ़िलें,<br />
हर शख़्स तेरा नाम ले हर शख़्स दीवाना तेरा!Upload to Facebook
    हम भी वहीं मौजूद थे हम से भी सब पूछा किए,
    हम हँस दिए हम चुप रहे मंज़ूर था पर्दा तेरा;
    इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटीं महफ़िलें,
    हर शख़्स तेरा नाम ले हर शख़्स दीवाना तेरा!
    ~ Ibn e Insha
  • कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा; <br/>
कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा! Upload to Facebook
    कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा;
    कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा!
    ~ Ibn e Insha
  • दिल हिज्र के दर्द से बोझल है अब आन मिलो तो बेहतर हो; <br/>
इस बात से हम को क्या मतलब ये कैसे हो ये क्यूँकर हो!Upload to Facebook
    दिल हिज्र के दर्द से बोझल है अब आन मिलो तो बेहतर हो;
    इस बात से हम को क्या मतलब ये कैसे हो ये क्यूँकर हो!
    ~ Ibn e Insha
  • इक साल गया इक साल नया है आने को;<br/>
पर वक़्त का अब भी होश नहीं दीवाने को!Upload to Facebook
    इक साल गया इक साल नया है आने को;
    पर वक़्त का अब भी होश नहीं दीवाने को!
    ~ Ibn e Insha