Khurshid Ahmad Jami Hindi Shayari

  • कोई हलचल है न आहट न सदा है कोई;</br>
दिल की दहलीज़ पे चुप-चाप खड़ा है कोई!</br></br>
*सदा: आवाज़/ पुकारUpload to Facebook
    कोई हलचल है न आहट न सदा है कोई;
    दिल की दहलीज़ पे चुप-चाप खड़ा है कोई!

    *सदा: आवाज़/ पुकार
    ~ Khurshid Ahmad Jami