Khushbir Singh Shaad Hindi Shayari

  • मेरे अंदर कई एहसास पत्थर हो रहे हैं;</br>
ये शीराज़ा बिखरना अब ज़रूरी हो गया है!</br></br>
*शीराज़ा: बिखरी हुई चीज़ों की एकत्रताUpload to Facebook
    मेरे अंदर कई एहसास पत्थर हो रहे हैं;
    ये शीराज़ा बिखरना अब ज़रूरी हो गया है!

    *शीराज़ा: बिखरी हुई चीज़ों की एकत्रता
    ~ Khushbir Singh Shaad