Mah Talat Zahidi Hindi Shayari

  • अपनी पलकों से जो टूटे हैं गुहर देखते हैं;<br/>
हम दुआ माँगते हैं और असर देखते हैं!<br/><br/>
*गुहर: मोतीUpload to Facebook
    अपनी पलकों से जो टूटे हैं गुहर देखते हैं;
    हम दुआ माँगते हैं और असर देखते हैं!

    *गुहर: मोती
    ~ Mah Talat Zahidi