Mushtaq Ahmad Yusufi Hindi Shayari

  • मैं बहुत ख़ुश था कड़ी धूप के सन्नाटे में;</br>
क्यों तेरी याद का बादल मेरे सिर पर आया!Upload to Facebook
    मैं बहुत ख़ुश था कड़ी धूप के सन्नाटे में;
    क्यों तेरी याद का बादल मेरे सिर पर आया!
    ~ Mushtaq Ahmad Yusufi
  • इश्क़ में कौन बता सकता है;</br>
किस ने किस से सच बोला है!Upload to Facebook
    इश्क़ में कौन बता सकता है;
    किस ने किस से सच बोला है!
    ~ Mushtaq Ahmad Yusufi