Naaz Muradabadi Hindi Shayari

  • ग़ुंचे-ग़ुंचे पे गुलिस्ताँ के निखार आ जाए; <br/>
जिस तरफ़ से वो गुज़र जाएँ बहार आ जाए !Upload to Facebook
    ग़ुंचे-ग़ुंचे पे गुलिस्ताँ के निखार आ जाए;
    जिस तरफ़ से वो गुज़र जाएँ बहार आ जाए !
    ~ Naaz Muradabadi