Parkash Fikri Hindi Shayari

  • हवा से उजड़ कर बिखर क्यों गए;<br/>
वो पत्ते जो सरसब्ज़ शाख़ों पे थे!<br/>
*सरसब्ज़ - उत्पादकUpload to Facebook
    हवा से उजड़ कर बिखर क्यों गए;
    वो पत्ते जो सरसब्ज़ शाख़ों पे थे!
    *सरसब्ज़ - उत्पादक
    ~ Parkash Fikri