Qalaq Merathi Hindi Shayari

  • हो मोहब्बत की ख़बर कुछ तो ख़बर फिर क्यों हो;</br>
ये भी इक बे-ख़बरी है कि ख़बर रखते हैं!Upload to Facebook
    हो मोहब्बत की ख़बर कुछ तो ख़बर फिर क्यों हो;
    ये भी इक बे-ख़बरी है कि ख़बर रखते हैं!
    ~ Qalaq Merathi
  • कोई कैसा ही साबित हो तबीयत आ ही जाती है;<br/>
ख़ुदा जाने ये क्या आफ़त है आफ़त आ ही जाती है!<br/><br/>
*तबीयत: स्वभावUpload to Facebook
    कोई कैसा ही साबित हो तबीयत आ ही जाती है;
    ख़ुदा जाने ये क्या आफ़त है आफ़त आ ही जाती है!

    *तबीयत: स्वभाव
    ~ Qalaq Merathi