Qamar Badayuni Hindi Shayari

  • ईद का दिन है, गले आज तो मिल ले ज़ालिम;</br>
रस्म-ए-दुनिया भी है, मौक़ा भी है, दस्तूर भी है।Upload to Facebook
    ईद का दिन है, गले आज तो मिल ले ज़ालिम;
    रस्म-ए-दुनिया भी है, मौक़ा भी है, दस्तूर भी है।
    ~ Qamar Badayuni