Raees Akhtar Hindi Shayari

  • साज़-ए-फ़ुर्क़त पे ग़ज़ल गाओ कि कुछ रात कटे;<br/>
प्यार की रस्म को चमकाओ कि कुछ रात कटे!Upload to Facebook
    साज़-ए-फ़ुर्क़त पे ग़ज़ल गाओ कि कुछ रात कटे;
    प्यार की रस्म को चमकाओ कि कुछ रात कटे!
    ~ Raees Akhtar