सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे; जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे; शाखों से जो टूट जाये वो पत्ते नही है हम; आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे। |
उँगलियाँ यूँ न सब पर... उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो; खर्च करने से पहले कमाया करो; ज़िन्दगी क्या है खुद ही समझ जाओगे; बारिशों में पतंगें उड़ाया करो; दोस्तों से मुलाक़ात के नाम पर; नीम की पत्तियों को चबाया करो; शाम के बाद जब तुम सहर देख लो; कुछ फ़क़ीरों को खाना खिलाया करो; अपने सीने में दो गज़ ज़मीं बाँधकर; आसमानों का ज़र्फ़ आज़माया करो; चाँद सूरज कहाँ, अपनी मंज़िल कहाँ; ऐसे वैसों को मुँह मत लगाया करो। |
किसी के बाप का... अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो भगवान थोडे ही है; ये सब धुआँ है कोई आसमान थोडे ही है; लगेगी आग तो आएँगे घर कई लपेट में; यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोडे ही है; मैं जानता हूँ के दुश्मन भी कम नहीं लेकिन; हमारी तरह हथेली पे उनकी जान थोडे ही है; हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है; हमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोडे ही है; जो आज मालिक बने बैठे हैं कल नहीं होंगे; किराएदार हैं ज़ाती मकान थोडे ही है; सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में; किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोडे ही है। |