Saba Afghani Hindi Shayari

  • गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काँटों से भी ज़ीनत होती है;</br>
जीने के लिए इस दुनिया में ग़म की भी ज़रूरत होती है!</br></br>
*फ़क़त: केवल</br>
*ज़ीनत: सजावटUpload to Facebook
    गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काँटों से भी ज़ीनत होती है;
    जीने के लिए इस दुनिया में ग़म की भी ज़रूरत होती है!

    *फ़क़त: केवल
    *ज़ीनत: सजावट
    ~ Saba Afghani
  • भूल जाना था तो फिर अपना बनाया क्यूँ था;<br/>
तुम ने उल्फत का यकीं मुझ को दिलाया क्यूँ थाUpload to Facebook
    भूल जाना था तो फिर अपना बनाया क्यूँ था;
    तुम ने उल्फत का यकीं मुझ को दिलाया क्यूँ था
    ~ Saba Afghani