Saba Akhtar Hindi Shayari

  • मैं बाज़गश्त-ए-दिल हूँ पैहम शिकस्त-ए-दिल हूँ;<br/>
वो आज़मा रहा हूँ जो आज़मा चुका हूँ!Upload to Facebook
    मैं बाज़गश्त-ए-दिल हूँ पैहम शिकस्त-ए-दिल हूँ;
    वो आज़मा रहा हूँ जो आज़मा चुका हूँ!
    ~ Saba Akhtar