Sagar Sood Hindi Shayari

  • तेरा मुस्कुराना नहीं:

    तेरा मुस्कुराना नहीं भूलता है,
    वो नज़रें झुकाना नहीं भूलता है;

    मेरी ख़ाबगाह में मेरी जान का वो,
    दबे पाँव आना नहीं भूलता है;

    कि शर्मा के दांतों तले फिर तुम्हारा,
    वो ऊँगली दबाना नहीं भूलता है;

    वो गेसू सुखाना तेरा छत पे आ के,
    क़यामत गिराना नहीं भूलता है;

    लिपटना मेरे साथ आकर तुम्हारा,
    वो मंज़र सुहाना नहीं भूलता है;

    मुहब्बत निभाता दिलो-ओ-जाँ से 'सागर',
    पुराना ज़माना नहीं भूलता है!
    ~ Sagar Sood