Shakeel Badayuni Hindi Shayari

  • ये अदा-ए-बे-नियाज़ी तुझे बेवफ़ा मुबारक;</br>
मगर ऐसी बे-रुख़ी क्या कि सलाम तक न पहुँचे!</br></br>
*अदा-ए-बे-नियाज़ी: लापरवाही की हवाUpload to Facebook
    ये अदा-ए-बे-नियाज़ी तुझे बेवफ़ा मुबारक;
    मगर ऐसी बे-रुख़ी क्या कि सलाम तक न पहुँचे!

    *अदा-ए-बे-नियाज़ी: लापरवाही की हवा
    ~ Shakeel Badayuni
  • वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले;</br>
मगर अपने अपने मक़ाम पर कभी तुम नहीं कभी हम नहीं!Upload to Facebook
    वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले;
    मगर अपने अपने मक़ाम पर कभी तुम नहीं कभी हम नहीं!
    ~ Shakeel Badayuni
  • नयी सुब्ह पर नज़र है मगर आह ये भी डर है;</br>
ये सहर भी रफ़्ता रफ़्ता कहीं शाम तक न पहुँचे!Upload to Facebook
    नयी सुब्ह पर नज़र है मगर आह ये भी डर है;
    ये सहर भी रफ़्ता रफ़्ता कहीं शाम तक न पहुँचे!
    ~ Shakeel Badayuni
  • मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे;<br/>
मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे!<br/>
मेरे दाग़-ए-दिल से है रौशनी इसी रौशनी से है ज़िंदगी;<br/>
मुझे डर है ऐ मिरे चारा-गर ये चराग़ तू ही बुझा न दे!<br/><br/>

*जाँ-ब-लब: जिसके प्राण होंठों पर होंUpload to Facebook
    मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे;
    मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे!
    मेरे दाग़-ए-दिल से है रौशनी इसी रौशनी से है ज़िंदगी;
    मुझे डर है ऐ मिरे चारा-गर ये चराग़ तू ही बुझा न दे!

    *जाँ-ब-लब: जिसके प्राण होंठों पर हों
    ~ Shakeel Badayuni
  • जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का 'शकील';</br>
मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया!Upload to Facebook
    जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का 'शकील';
    मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया!
    ~ Shakeel Badayuni
  • मोहब्बत ही में मिलते हैं शिकायत के मज़े पैहम;</br>
मोहब्बत जितनी बढ़ती है शिकायत होती जाती है!</br></br>
*पैहम: लगातारUpload to Facebook
    मोहब्बत ही में मिलते हैं शिकायत के मज़े पैहम;
    मोहब्बत जितनी बढ़ती है शिकायत होती जाती है!

    *पैहम: लगातार
    ~ Shakeel Badayuni
  • काफ़ी है मेरे दिल की तसल्ली को यही बात; 
आप आ न सके आप का पैग़ाम तो आया! Upload to Facebook
    काफ़ी है मेरे दिल की तसल्ली को यही बात; आप आ न सके आप का पैग़ाम तो आया!
    ~ Shakeel Badayuni
  • जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई;</br>
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई!Upload to Facebook
    जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई;
    दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई!
    ~ Shakeel Badayuni
  • मेरी ज़िंदगी पे न मुस्कुरा मुझे ज़िंदगी का इल्म नहीं;</br>
जिसे तेरे ग़म से हो वास्ता वो ख़िज़ाँ बहार से कम नहीं!</br></br>

* ख़िज़ाँ: पतझड़Upload to Facebook
    मेरी ज़िंदगी पे न मुस्कुरा मुझे ज़िंदगी का इल्म नहीं;
    जिसे तेरे ग़म से हो वास्ता वो ख़िज़ाँ बहार से कम नहीं!

    * ख़िज़ाँ: पतझड़
    ~ Shakeel Badayuni
  • उन्हें अपने दिल की ख़बरें मेरे दिल से मिल रही हैं:<br/>
मैं जो उन से रूठ जाऊँ तो पयाम तक न पहुँचे !Upload to Facebook
    उन्हें अपने दिल की ख़बरें मेरे दिल से मिल रही हैं:
    मैं जो उन से रूठ जाऊँ तो पयाम तक न पहुँचे !
    ~ Shakeel Badayuni