Shakeel Jamali Hindi Shayari

  • शदीद गर्मी में कैसे निकले वो फूल-चेहरा;</br>
सो अपने रस्ते में धूप दीवार हो रही है!Upload to Facebook
    शदीद गर्मी में कैसे निकले वो फूल-चेहरा;
    सो अपने रस्ते में धूप दीवार हो रही है!
    ~ Shakeel Jamali