Ummeed Fazli Hindi Shayari

  • ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ;</br>
हम अपने शहर में होते तो घर गए होते!Upload to Facebook
    ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ;
    हम अपने शहर में होते तो घर गए होते!
    ~ Ummeed Fazli
  • आसमानों से फ़रिश्ते जो उतारे जाएँ;</br>
वो भी इस दौर में सच बोलें तो मारे जाएँ!Upload to Facebook
    आसमानों से फ़रिश्ते जो उतारे जाएँ;
    वो भी इस दौर में सच बोलें तो मारे जाएँ!
    ~ Ummeed Fazli