Yaqoob Yawar Hindi Shayari

  • मेरी दुआओं की सब नग़्मगी तमाम हुई;<br/>
सहर तो हो न सकी और फिर से शाम हुई!<br/><br/>

* नग़्मगी - गीतकारीUpload to Facebook
    मेरी दुआओं की सब नग़्मगी तमाम हुई;
    सहर तो हो न सकी और फिर से शाम हुई!

    * नग़्मगी - गीतकारी
    ~ Yaqoob Yawar