अरमान Hindi Shayari

  • कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में;
    कि हज़ारों सज्दे तड़प रहे हैं मिरी जबीन-ए-नियाज़ में।
    ~ Allama Iqbal
  • हसरतें मचल गयी जब तुमको सोचा एक पल के लिए;<br />
सोचो दीवानगी तब क्या होगी,जब तुम मिलोगे मुझे उम्र भर के लिए।Upload to Facebook
    हसरतें मचल गयी जब तुमको सोचा एक पल के लिए;
    सोचो दीवानगी तब क्या होगी,जब तुम मिलोगे मुझे उम्र भर के लिए।
  • तेरी दुआ से कज़ा तो बदल नहीं सकती;
    मगर है इस से यह मुमकिन कि तू बदल जाये; तेरी दुआ है कि हो तेरी आरज़ू पूरी;
    मेरी दुआ है तेरी आरज़ू बदल जाये।

    शब्दार्थ:
    कज़ा - भाग्य
    ~ Allama Iqbal
  • तुम्हारी पसंद हमारी चाहत बन जाये;
    तुम्हारी मुस्कुराहट दिल की राहत बन जाये;
    खुदा खुशियों से इतना खुश कर दे आपको;
    कि आपको खुश देखना हमारी आदत बन जाये।
  • यादों के भंवर में एक पल हमारा हो;<br />
खिलते चमन में एक गुल हमारा हो;<br />
जब याद करें आप अपने चाहने वालों को;<br />
उन नामों में बस एक नाम हमारा हो।Upload to Facebook
    यादों के भंवर में एक पल हमारा हो;
    खिलते चमन में एक गुल हमारा हो;
    जब याद करें आप अपने चाहने वालों को;
    उन नामों में बस एक नाम हमारा हो।
  • ​उनके साथ जीने का एक मौका दे दे, ऐ खुदा;​
    तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे​।
  • ए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयें;<br />
उनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायें;<br />
लगता है डर उन्हें तो हमराज़ लेके आयें;<br />
जो पूछना है पूछे, कहना है जो सुनाएँ।Upload to Facebook
    ए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयें;
    उनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायें;
    लगता है डर उन्हें तो हमराज़ लेके आयें;
    जो पूछना है पूछे, कहना है जो सुनाएँ।
  • तेरे सीने से लगकर तेरी आरज़ू बन जाऊं;
    तेरी साँसों से मिलकर तेरी खुशबु बन जाऊं;
    फांसले ना रहें हम दोनों के दरमियान कोई;
    मैं, मैं ना रहूँ बस तू ही तू बन जाऊं।
  • ज़िंदगी भर के लिए तेरा साथ निभाना चाहते हैं;
    तुम्हारी इन आँखों में सदा के लिए बस जाना चाहते हैं;
    चाहतें इस दिल की न जाने हमसे क्या-क्या चाहती हैं;
    नज़र भर तुम्हें देख कर, तुम पर मर जाना चाहते हैं।
  • तेरे सीने से लगकर तेरी आरज़ू बन जाऊं;<br/>
तेरी साँसों से मिलकर तेरी खुशबू बन जाऊं;<br/>
फांसले न रहे कोई हम दोनों के दरमियान;<br/>
मैं, मैं न रहूँ बस तू ही तू बन जाऊं।Upload to Facebook
    तेरे सीने से लगकर तेरी आरज़ू बन जाऊं;
    तेरी साँसों से मिलकर तेरी खुशबू बन जाऊं;
    फांसले न रहे कोई हम दोनों के दरमियान;
    मैं, मैं न रहूँ बस तू ही तू बन जाऊं।