बरसों बाद भी, तेरी ज़िद्द की आदत ना बदली; काश हम मोहब्बत नहीं, तेरी आदत होते! |
पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है; हँसने वालों को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है; ये तो बस वो ही जान सकता है, मेरी तन्हाई का आलम; जिसने ज़िंदगी में, किसी को पाने से पहले खोया हो! |
काश! मैं भी पानी का एक घूँट होता; तेरे होंठों से लगता और तेरी रग-रग में समा जाता! |
हमारे बगैर भी आबाद थीं महफिलें उनकी; और हम समझते थे कि उनकी रौनकें हम से है! |
ताश के पत्ते तो खुशनसीब है यारों; बिखरने के बाद उठाने वाला तो कोई है! |
हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से; देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में! |
ताबीज़ जैसा था वो शख्स; गले लगते ही सुकूँ मिलता था! |
छू ना सकूं आसमान, तो ना ही सही दोस्तो, आपके दिल को छू जाऊं, बस इतनी सी तमन्ना है। |
मेरे दिल ने जब भी कभी कोई दुआ माँगी है; हर दुआ में बस तेरी ही वफ़ा माँगी है; जिस प्यार को देख कर जलते हैं यह दुनिया वाले; तेरी मोहब्बत करने की बस वो एक अदा माँगी है। |
पहली मुलाकात थी, हम दोनों ही थे बेबस; वो जुल्फें न संभाल पाए और हम खुद को। |