इंतजार Hindi Shayari

  • तड़पती है आज भी रूह आधी रात को;<br/>
निकल पड़ते हैं आँख से आँसू आधी रात को;<br/>
इंतज़ार में तेरे वर्षों बीत गए सनम मेरे;<br/>
दिल को है आस आएगी तू आधी रात को।Upload to Facebook
    तड़पती है आज भी रूह आधी रात को;
    निकल पड़ते हैं आँख से आँसू आधी रात को;
    इंतज़ार में तेरे वर्षों बीत गए सनम मेरे;
    दिल को है आस आएगी तू आधी रात को।
  • उम्रे-दराज़ मांग कर लाये थे चार दिन;<br/>
दो आरज़ू में कट गए दो इंतज़ार में।Upload to Facebook
    उम्रे-दराज़ मांग कर लाये थे चार दिन;
    दो आरज़ू में कट गए दो इंतज़ार में।
  • दिल को किसी आहट की आस रहती है;<br/>
निगाहों को किसी सूरत की प्यास रहती है;<br/>
तेरे बिना ज़िंदगी में कोई कमी तो नहीं;<br/>
लेकिन फिर भी तेरे बिना ज़िदगी उदास रहती है।Upload to Facebook
    दिल को किसी आहट की आस रहती है;
    निगाहों को किसी सूरत की प्यास रहती है;
    तेरे बिना ज़िंदगी में कोई कमी तो नहीं;
    लेकिन फिर भी तेरे बिना ज़िदगी उदास रहती है।
  • ये ना थी हमारी किस्मत कि विशाल-ए-यार होता;
    अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता।
    ~ Mirza Ghalib
  • मिट जाएगी मख्लूक़ तो इंसाफ करोगे;
    मुनासिब हो अगर तो हशर उठा क्यों नहीं देते।
    ~ Ahmad Faraz
  • हम उनको मनाने जायेंगे, उनकी उम्मीद ग़ज़ब की है;
    वे खुद चलकर आयेंगे, हमारी भी जिद्द ग़ज़ब की है।
  • उदास आँखों में करार देखा है;<br/>
पहली बार उसे इतना खुश और बेक़रार देखा है;<br/>
जिसे खबर ना होती थी मेरे आने जाने की;<br/>
उसकी आँखों में अब इंतज़ार देखा है।Upload to Facebook
    उदास आँखों में करार देखा है;
    पहली बार उसे इतना खुश और बेक़रार देखा है;
    जिसे खबर ना होती थी मेरे आने जाने की;
    उसकी आँखों में अब इंतज़ार देखा है।
  • तू पास भी हो तो दिल बेक़रार अपना है;
    कि हमको तेरा नहीं, इंतज़ार अपना है।
    ~ Ahmad Faraz
  • कौन आता है मगर आस लगाए रखना;<br/>
उम्र भर दर्द की शमाओं को जलाए रखना।Upload to Facebook
    कौन आता है मगर आस लगाए रखना;
    उम्र भर दर्द की शमाओं को जलाए रखना।
    ~ Ahmad Faraz
  • ​वो रुख्सत हुई तो आँख मिलाकर नहीं गई;<br/>
वो क्यों गई यह बताकर नहीं गई;<br/>
लगता है वापिस अभी लौट आएगी;<br/>
वो जाते हुए चिराग़ बुझाकर नहीं गई।Upload to Facebook
    ​वो रुख्सत हुई तो आँख मिलाकर नहीं गई;
    वो क्यों गई यह बताकर नहीं गई;
    लगता है वापिस अभी लौट आएगी;
    वो जाते हुए चिराग़ बुझाकर नहीं गई।