गिला शिकवा Hindi Shayari

  • मयखाने से पूछा आज इतना सन्नाटा क्यों है,
    बोला साहब लहू का दौर है शराब कौन पीता है।
  • इंसान बुलबुला है पानी का, जी रहे हैं कपडे बदल बदल कर,
    एक दिन एक 'कपडे' में ले जायेंगे कंधे बदल बदल कर।
  • गिरते हुए आँसुओं को कौन देखता है,
    झूठी मुस्कान के दीवाने हैं सब यहाँ।
  • अपना होगा तो सता के मरहम देगा,
    जालिम होगा अपना बना के जख्म देगा,
    समय से पहले पकती नहीं फसल,
    अरे बहुत बरबादियां अभी मौसम देगा।
  • छुप छुप कर तेरी सारी तस्वीरें देखता हूँ, बेशक तू ख़ूबसूरत आज भी है,
    पर चेहरे पर वो मुस्कान नहीं जो मैं लाया करता था।
  • एहसान ये रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ पर,
    उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया।
  • लम्हों की दौलत से दोनों ही महरूम रहे,
    मुझे चुराना न आया, तुम्हें कमाना न आया।
  • खामोश बैठें तो वो कहते हैं उदासी अच्छी नहीं,
    ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं।
  • मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा;
    किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे।
  • कौन कहता है मुसाफिर जख्मी नही होते,
    रास्ते गवाह हैं कम्बख्त गवाही नही देते।