गिला शिकवा Hindi Shayari

  • नवंबर की तरह हम भी अलविदा कह देंगें एक दिन,
    फिर ढूँढते फिरोगे हमें दिसंबर की सर्द रातों में।
  • अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको,
    यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है।
  • किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं,
    अल्फ़ाज़ से भरपूर मगर ख़ामोश।
  • दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो;
    ये ओर बात है कि किस्मत दग़ा कर गयी।
  • अफसोस ये नहीं है कि दर्द कितना है,
    अफसोस तो ये है कि बस तुम्हें परवाह नहीं।
  • मंज़िलों से गुमराह भी ,कर देते हैं कुछ लोग,
    हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता।
  • अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल;
    लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे।
    ~ Allama Iqbal
  • उनसे शिकवे और शिकायत इतनी है कि नजरें मिलाने को मन नही करता,
    और मोहब्बत इतनी कि दूर जाने को दिल नही करता।
  • सब कुछ बदला बदला था जब बरसो बाद मिले;
    हाथ भी न थाम सके वो इतने पराये से लगे।
  • वो हमारी एक खता पर हमसे कुछ इस कदर रूठ कर चल दिए,
    जैसे सदियों से उन्हें किसी बहाने की तलाश थी।