गिला शिकवा Hindi Shayari

  • यह न पूछ कि शिकायतें कितनी हैं तुझ से;
    यह बता कि तेरा कोई और सितम बाकी तो नही।
  • जिसके लिए तोड़ दी मैंने सारी सरहदें,
    आज उसी ने कह दिया कि जरा हद में रहा करो।
  • क्यों करते हो मुझसे इतनी ख़ामोश मोहब्बत,
    लोग समझते है इस बदनसीब का कोई नहीं।
  • शौक था उन्हे महफिलों का,
    फिर मेरी लाश पे इतनी वीरानी क्यों।
  • इस नहीं का कोई इलाज नहीं,
    रोज़ कहते हैं आप आज नहीं।
    ~ Daagh Dehlvi
  • कुछ उम्दा किस्म के जज़्बात हैं हमारे,
    कभी दिल से समझने की तकलुफ़्फ़् तो कीजिए।
  • तेरी तस्वीरों में कुछ यादें मेरी भी हैं,
    कुछ पलों की बातें अधूरी भी हैं।
  • बडी देर से देख रहा हूँ आज तस्वीर तेरी,
    देख कर जाने क्यों लगा कि तुम वो ना रहे जो पहले थे।
  • क्या अजीब सी ज़िद है हम दोनों की,
    तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की।
  • बस तुम्हें पाने की अब तमन्ना नहीं रही,
    मोहब्बत तो आज भी तुमसे हम बेशुमार करते हैं।