दोस्ती Hindi Shayari

  • साथ अगर दोगे मुस्कुराएंगे ज़रूर;
    प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे ज़रूर;
    राह में कितने कांटे क्यों न हों;
    आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर।
  • यहाँ कौन रोता है किसी के लिए सब अपनी ही किसी बात पर रोते हैं;<br/>
इस दुनिया में मिलता है सच्चा साथी मुश्किल से बाक़ी सब तो मतलब के यार होते हैं।Upload to Facebook
    यहाँ कौन रोता है किसी के लिए सब अपनी ही किसी बात पर रोते हैं;
    इस दुनिया में मिलता है सच्चा साथी मुश्किल से बाक़ी सब तो मतलब के यार होते हैं।
  • गुनाह करके सजा से डरते हैं;<br/>
ज़हर पी कर दवा से डरते हैं;<br/>
दुश्मनों के सितम का ख़ौफ़ नहीं हमें;<br/>
हम तो दोस्तों के ख़फ़ा होने से डरते हैं।Upload to Facebook
    गुनाह करके सजा से डरते हैं;
    ज़हर पी कर दवा से डरते हैं;
    दुश्मनों के सितम का ख़ौफ़ नहीं हमें;
    हम तो दोस्तों के ख़फ़ा होने से डरते हैं।
  • दिल की बात दिल में दबाना ठीक नहीं,<br/>
हम तो मान चुके हैं दिल से दोस्त तुम्हें ये राज़ ज्यादा देर तक छुपाना ठीक नहीं।Upload to Facebook
    दिल की बात दिल में दबाना ठीक नहीं,
    हम तो मान चुके हैं दिल से दोस्त तुम्हें ये राज़ ज्यादा देर तक छुपाना ठीक नहीं।
  • ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का;<br/> 
हमने खुद को खुशनसीब पाया;<br/>
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की;<br/>
खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया।Upload to Facebook
    ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का;
    हमने खुद को खुशनसीब पाया;
    तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की;
    खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया।
  • गुनाह करके सज़ा से डरते है;<br/>पी के ज़हर दवा से डरते हैं;<br/>दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमको;<br/>हम तो दोस्तों की बेवफाई से डरते है।Upload to Facebook
    गुनाह करके सज़ा से डरते है;
    पी के ज़हर दवा से डरते हैं;
    दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमको;
    हम तो दोस्तों की बेवफाई से डरते है।
  • दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे;
    जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा न हों।
    ~ Bashir Badr
  • तेरी दोस्ती में खुद को महफ़ूज मानते है;
    हम दोस्तों में तुम्हें सबसे अज़ीज मानते है;
    तेरी दोस्ती के साये में ज़िंदा है;
    हम तो तुझे खुदा का दिया हुआ तावीज मानते है।
  • अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​;​<br/>
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​;​<br/>
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​;​<br/>
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।Upload to Facebook
    अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​;​
    फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​;​
    ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​;​
    अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
    ~ Rahat Indori
  • ज़िंदगी में बार​-​बार सहारा नही मिलता​;
    ​बार​-​बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता​;​
    ​है जो पास उसे संभाल के रखना​;​
    ​खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता।