अर्ज किया है, ए सुनामी जरुरत नहीं तेरी इन; खौफ़नाक लहरों की; जिंदगी में खौफ़ लाने के लिए; तो घरवाली ही काफी है। |
अर्ज़ किया है.. लड़की रो रो के लड़के से कह रही है.. वाह! वाह!! लड़की रो रो के लड़के से कह रही है.. हाथ छोड़ दे कमीने नाक बह रही है। |
एक शराबी की दास्तां... सोच रहा हूँ दारू छोड़ दूं; पर, किसके सहारे छोडू? सभी कमीने है साले, पी जायंगे। |
कोई आँखों से बात कर लेता है; कोई आँखों में बात कर लेता है; बडा मुश्किल होता हैं जवाब देना यारों; जब कोई इंग्लिश में बात कर लेता है। |
हवा का झोंका आया; तेरी खुसबू साथ लाया; मैं समझ गई कि तू आज फिर नहीं नहाया। |
बारिश का मौसम बहुत तड़पाता है; उनकी याद हैं जिन्हें दिल चाहता है; लेकिन वो आए भी तो कैसे; ना उनके पास रेनकोट है और ना छाता है। |
पानी आने की बात करते हो; दिल जलाने की बात करते हो; चार दिन से मुंह नहीं धोया; तुम नहाने की बात करते हो। |
वो कहती थी कि मैं तुम्हारी जिन्दगी को जन्नत; बना दूंगी, बनानी तो उसे मैगी भी नहीं आती थी; लेकिन मैडम का आत्मविश्वास तो देखो। |
वो मेरी किस्मत मेरी तक़दीर हो गई; हमने उनकी याद में इतने ख़त लिखे कि; वो रद्दी बेचकर अमीर हो गई। |
आँखों से आँसू छलक पड़े बेरोजगारी के उस; अहसास पे ग़ालिब जब घर वाली ने कहा; "ए जी खाली बैठे हो तो ये मटर ही छील दो"। |