लोग कहते हैं वक़्त चलता है; और इंसान भी बदलता है; काश रुक जाए वक़्त आज की रात; और बदले न कोई आज के बाद! |
सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज़ दुआ से; इक रोज़ तुम्हे मांग के देखेंगे खुदा से। |
टूट गया दिल पर अरमां वही है; दूर रहते हैं फिर भी प्यार वही है; जानते हैं कि मिल नहीं पायेंगे; फिर भी इन आँखों में इंतज़ार वही है। |
होंठ कह नही सकते जो फ़साना दिल का; शायद नजरों से वो बात हो जाए; इसी उम्मीद में इंतजार करते हैं रात का; कि शायद सपनों मे ही मुलाकात हो जाए! |
ये चांदनी रात बड़ी देर के बाद आयी; ये हसीं मुलाक़ात बड़ी देर के बाद आयी; आज आये हैं वो मिलने को बड़ी देर के बाद; आज की ये रात बड़ी देर के बाद आयी! |
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है; दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है; कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है; कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है! |
तुम मुझे कभी दिल से कभी आँखों से पुकारो; ये होठों के तकल्लुफ तो ज़माने के लिए होते हैं! |
आशिकी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब; दिल का क्या रंग करूँ खून-ए-जिगर होने तक; हम ने माना के तगाफुल ना करोगे लेकिन ; ख़ाक हो जायेंगे हम तुम को खबर होने तक! |
ए वाइज़-ए-नादाँ करता है तू एक क़यामत का चर्चा; यहाँ रोज़ निगाहें मिलती हैं, यहाँ रोज़ क़यामत होती है! |
मोहब्बत की आजमाइश दे-दे कर अब हम थक गए ए-खुदा; मुकद्दर में कोई ऐसा भी लिख दे जो मौत तक वफ़ा करे! |