पूछा न जिंदगी में किसी ने भी दिल का हाल; अब शहर भर में जिक्र मेरी खुदकुशी का है! |
दे कर उसके हाथ अपने स्कूल की डायरी; दुखते दिल से कहा जज्बातों की रद्दी है साहब, सही भाव तो लगा लो! |
लब तो खामोश रहेंगे ये वादा है तुमसे मेरा; अगर कह दें कुछ निगाहें तो खफा ना होना! |
मैंने पूछा कैसे जान जाते हो मेरे दिल की बातें, वो बोली जब रूह में बसे हो फिर ये सवाल क्यूँ। |
मै भी तलाश में हूँ किसी अपने की; कोई तुम सा हो लेकिन किसी और का ना हो! |
बोसा-ए-रुख़्सार पर तकरार रहने दीजिए; लीजिए या दीजिए इंकार रहने दीजिए! |
एक दूसरे से बिछड़ के हम कितने रंगीले हो गये; मेरी आँखें लाल हो गयी और तेरे हाथ पीले हो गए! |
मेरे हम-सकूँ का यह हुक्म था के कलाम उससे मैं कम करूँ; मेरे होंठ ऐसे सिले के फिर उसे मेरी चुप ने रुला दिया! |
तेरे बदलने के बावसफ भी तुझ को चाहा है; यह एतराफ़ भी शामिल मेरे गुनाहों में है! |
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे; तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे! |