हमें उनकी इबादत से फुर्सत नहीं मिलती; लोग ना जाने किसको खुदा कहते है; दिल में रखा हैं उनको फिर भी; जाने क्यों लोग हमें जुदा कहते है। |
हमे भुला कर तो देखो ; हर ख़ुशी तुमसे रूठ जाएगी; जब भी देखोगे आईने में सूरत अपनी; हमारी ही सूरत नज़र आएगी। |
वो मेरे सामने बैठे हुए हैं; मगर यह फ़ासला भी कम नहीं। |
इत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभी; यूँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे! |
बात कह दी जाए जुबां से जरूरी तो नहीं; जिंदगी गुजरी है आधी पूरी तो नहीं; समझेंगे वो निगाहों से, मेरे दिल की दास्ताँ; दूर बैठे हैं दिलों में दूरी तो नहीं। |
नफरतों के जहां में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैं; दूर रहना कोई कमाल नहीं, पास आओ तो कोई बात बने! |
नज़र को नज़र की खबर न लगे; कोई अच्छा भी इस कदर न लगे; आपको देखा है बस उस नज़र से; जिस नज़र से आपको नज़र न लगे। |
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी; हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी; जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके; पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी। |
आज हर एक पल खूबसूरत है; दिल में मेरे सिर्फ तेरी ही सूरत है; कुछ भी कहे ये दुनिया गम नहीं; दुनिया से ज्यादा मुझे तेरी जरुरत है। |
मुझे इस बात का गम नहीं कि बदल गया ज़माना; मेरी जिंदगी तो सिर्फ तुम हो, कहीं तुम ना बदल जाना। |