इज़हार Hindi Shayari

  • शोहरत बेशक चुपचाप गुजर जाये;<br/>
कम्बख्त बदनामी बड़ा शोर करती है!
Upload to Facebook
    शोहरत बेशक चुपचाप गुजर जाये;
    कम्बख्त बदनामी बड़ा शोर करती है!
  • ख़ुद्दारी वजह रही कि ज़माने को कभी हज़म नहीं हुए हम,<br/>
पर ख़ुद की नज़रों में, यकीं मानो, कभी कम नहीं हुए हम!Upload to Facebook
    ख़ुद्दारी वजह रही कि ज़माने को कभी हज़म नहीं हुए हम,
    पर ख़ुद की नज़रों में, यकीं मानो, कभी कम नहीं हुए हम!
  • बड़ी तेज़ है आज, ये ​यादों की शीतलहर;<br/>
चलो ​शायरियों​ का ही ​अलाव तापा जाए!Upload to Facebook
    बड़ी तेज़ है आज, ये ​यादों की शीतलहर;
    चलो ​शायरियों​ का ही ​अलाव तापा जाए!
  • अब खुद से मिलने को मन करता है;<br/>

लोगो से सुना है कि बहुत बुरे है हम!Upload to Facebook
    अब खुद से मिलने को मन करता है;
    लोगो से सुना है कि बहुत बुरे है हम!
  • शर्म ओ हया का अख़्तियार इतना रहा हम पर;<br/>
जिसको चाहा उमर भर, उसी को जता ना सके!
Upload to Facebook
    शर्म ओ हया का अख़्तियार इतना रहा हम पर;
    जिसको चाहा उमर भर, उसी को जता ना सके!
  • ज़ायां ना कर अपने अल्फाज किसी के लिए;<br/>
खामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है!Upload to Facebook
    ज़ायां ना कर अपने अल्फाज किसी के लिए;
    खामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है!
  • लम्हे लम्हे मैं बसी है तुम्हारी यादों की महक;<br/>
      
यह बात और है मेरी नज़रों से दूर हो तुम!Upload to Facebook
    लम्हे लम्हे मैं बसी है तुम्हारी यादों की महक;
    यह बात और है मेरी नज़रों से दूर हो तुम!
  • झट से बदल दूं, इतनी न हैसियत न आदत है मेरी;<BR/>
रिश्ते हों या लिबास, मैं बरसों चलाता हूँ!Upload to Facebook
    झट से बदल दूं, इतनी न हैसियत न आदत है मेरी;
    रिश्ते हों या लिबास, मैं बरसों चलाता हूँ!
  • सब फूल लेकर गए मैं कांटे ही उठा लाया;<br/>
पड़े रहते तो किसी अपने के पाँव मे जख्म दे|Upload to Facebook
    सब फूल लेकर गए मैं कांटे ही उठा लाया;
    पड़े रहते तो किसी अपने के पाँव मे जख्म दे|
  • सादगी तो देखो उन नज़रो की;
    हमसे बचने की कोशिष में बार बार हमें ही देखती है!