गिला शिकवा Hindi Shayari

  • अब क्या जवाब दूँ मैं, कोई मुझे बताये;<br/> 
वह मुझसे कह रहे हैं, क्यों मेरी आरज़ू की।Upload to Facebook
    अब क्या जवाब दूँ मैं, कोई मुझे बताये;
    वह मुझसे कह रहे हैं, क्यों मेरी आरज़ू की।
    ~ Jigar Moradabadi
  • तेरा नजरिया मेरे नजरिये से अलग था;<br/>
शायद तूने वक्त गुजारना था और हमे सारी जिन्दगी!Upload to Facebook
    तेरा नजरिया मेरे नजरिये से अलग था;
    शायद तूने वक्त गुजारना था और हमे सारी जिन्दगी!
  • दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं;<br/>
देखना है, फेंकता है मुझ पर पहला तीर कौन!Upload to Facebook
    दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं;
    देखना है, फेंकता है मुझ पर पहला तीर कौन!
  • इतने संगदिल ना बनो कुछ तो मुरव्वत सीखो;<br/>
तुम पर मरते हैं तो क्या मार ही डालोगे!Upload to Facebook
    इतने संगदिल ना बनो कुछ तो मुरव्वत सीखो;
    तुम पर मरते हैं तो क्या मार ही डालोगे!
  • मैं तुम्हारी कुछ मिसाल तो दे दूँ मगर जानां;<br/>
जुल्म ये है कि बे-मिसाल हो तुम!
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    मैं तुम्हारी कुछ मिसाल तो दे दूँ मगर जानां;
    जुल्म ये है कि बे-मिसाल हो तुम!
  • तुम हंसो तो दिन, चुप रहो तो रातें हैं;<br/>
किस का ग़म, कहाँ का ग़म, सब फज़ूल बातें हैं!Upload to Facebook
    तुम हंसो तो दिन, चुप रहो तो रातें हैं;
    किस का ग़म, कहाँ का ग़म, सब फज़ूल बातें हैं!
  • कितना खुशनुमा होगा वो मेरे इँतज़ार का मंजर भी;<br/>
जब ठुकराने वाले मुझे फिर से पाने के लिये आँसु बहायेंगे!Upload to Facebook
    कितना खुशनुमा होगा वो मेरे इँतज़ार का मंजर भी;
    जब ठुकराने वाले मुझे फिर से पाने के लिये आँसु बहायेंगे!
  • किसी के ज़ख्म का मरहम, किसी के ग़म का ईलाज;<br/>
लोगों ने बाँट रखा है मुझे, दवा की तरह।Upload to Facebook
    किसी के ज़ख्म का मरहम, किसी के ग़म का ईलाज;
    लोगों ने बाँट रखा है मुझे, दवा की तरह।
  • अक्सर वो फैंसले मेरे हक़ में गलत हुए;<br/>
जिन फैंसलों के नीचे तेरे दस्तखत हुए!Upload to Facebook
    अक्सर वो फैंसले मेरे हक़ में गलत हुए;
    जिन फैंसलों के नीचे तेरे दस्तखत हुए!
  • फ़क्र ये कि तुम मेरे हो;<br/>
फ़िक्र ये कि पता नहीं कब तक।Upload to Facebook
    फ़क्र ये कि तुम मेरे हो;
    फ़िक्र ये कि पता नहीं कब तक।