ज़मीन पर मेरा नाम वो लिखते और मिटाते हैं; वक्त उनका तो गुजर जाता है, मिट्टी में हम मिल जाते हैं! |
पता है गलत हो, फिर भी अड़े हो; तुम दिल दुखाने में, माहिर बड़े हो! |
शौक से तोड़ो दिल मेरा मैं परवाह क्यों करूँ; तुम ही रहते हो इसमे अपना घर खुद ही उजाड़ोगे! |
किसी ने कहा था मोहब्बत फूल जैसी है; कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा! |
तेज़-रफ़्तार हवाओं को ये एहसास कहाँ; शाख़ से टूटेगा पत्ता तो किधर जाएगा! |
कमाल करते हैं हमसे जलन रखने वाले; महफ़िलें खुद की सजाते हैं और चचेॅ हमारे करते हैं! |
इस 'नहीं' का कोई इलाज नहीं; रोज़ कहते हैं आप आज नहीं! |
यूँ ही एक छोटी सी बात पे ताल्लुकात पुराने बिगड़ गये; मुद्दा ये था कि सही "क्या" है और वो सही "कौन" पर उलझ गये! |
उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं; ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी! |
चल आ तेरे पैरों पर मरहम लगा दूं ऐ मुक़द्दर; कुछ चोटें तुझे भी आई होंगी, मेरे सपनों को ठोकर मार कर! |