गिला शिकवा Hindi Shayari

  • बड़े शौक से बनाया तुमने मेरे दिल मे अपना घर,
    जब रहने की बारी आई तो तुमने ठिकाना बदल दिया।
  • ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने;
    ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने;
    जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर;
    वो भला प्यार की कीमत क्या जाने।
  • चलो आज अपना हुनर आज़माते हैं,
    तुम तीर आजमाओ हम अपना जिगर आज़माते हैं।
  • हम हैं मता ए कूचा ओ बाज़ार की तरह,
    उठती है हर निगाह खरीदार की तरह।
  • इश्क़ में मेरा टूटना लाजमी था,
    काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
  • ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं,
    साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं।
    ~ Daagh Dehlvi
  • उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी;
    उसमे हलकी सी लकीर मेरी भी थी।
  • उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी;
    उसमे हलकी सी लकीर मेरी भी थी!
  • करें किसका यक़ीन यहाँ सब अदाकार ही तो हैं,
    गिला भी करें तो किससे करें सब अपने यार ही तो हैं।
  • तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी,
    तेरा मुड़-मुड़ कर देखना हमें बदनाम कर गया।