ज़िन्दगी Hindi Shayari

  • चेहरा बता रहा था कि मारा है भूख ने;
    सब लोग कह रहे थे कि कुछ खा के मर गया।
  • अब तो अपनी तबियत भी कुछ जुदा सी लगती है;<br/>
सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा सी लगती है;<br/>
कभी राज़ी तो कभी मुझसे खफा सी लगती है;<br/>
ज़िंदगी तु ही बता कि तु मेरी क्या लगती है।Upload to Facebook
    अब तो अपनी तबियत भी कुछ जुदा सी लगती है;
    सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा सी लगती है;
    कभी राज़ी तो कभी मुझसे खफा सी लगती है;
    ज़िंदगी तु ही बता कि तु मेरी क्या लगती है।
  • जियो जिंदगी जरुरत के मुताबिक;​<br/>ख्वाइशों  के  मुताबिक  नहीं;​​<br/>जरुरत फ़क़ीर भी कर लेता हैं पूरी;​​<br/>ख्वाइश  कभी​ ​बादशाह की ​भी ​पूरी नहीं हुई।​Upload to Facebook
    जियो जिंदगी जरुरत के मुताबिक;​
    ख्वाइशों के मुताबिक नहीं;​​
    जरुरत फ़क़ीर भी कर लेता हैं पूरी;​​
    ख्वाइश कभी​ ​बादशाह की ​भी ​पूरी नहीं हुई।​
  • ​ज़िंदगी भर के लिए है मौत से अनुबंध मेरा​​;
    ​जब तलक जिंदा रहूँगा पास फटकेगी नहीं वो​।
  • ​हमारा चार दिन की ज़िंदगी में हाल है ऐसा​;<br/>
न जाने लोग कैसे हैं जो सौ सौ साल जीते है​।Upload to Facebook
    ​हमारा चार दिन की ज़िंदगी में हाल है ऐसा​;
    न जाने लोग कैसे हैं जो सौ सौ साल जीते है​।
  • हादसों की ज़द में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें;<br/>
जलजलों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें??Upload to Facebook
    हादसों की ज़द में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें;
    जलजलों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें??
  • जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं;
    आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं;
    ज़िंदगी में गम नहीं फिर ज़िंदगी में क्या मजा;
    सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िंदगी कटती नहीं।
  • क़ब्र की मिट्टी हाथ में लिए सोच रहा हूँ;<br />
लोग मरते हैं तो ग़ुरूर कहाँ जाता है। Upload to Facebook
    क़ब्र की मिट्टी हाथ में लिए सोच रहा हूँ;
    लोग मरते हैं तो ग़ुरूर कहाँ जाता है।
  • जिदंगी तेरे ख्वाब भी कमाल के है;<br/>
तु गरीबों को उन महलों के सपने दिखाती है;<br/>
जिसमें अमीरों को नींद नहीं आती।Upload to Facebook
    जिदंगी तेरे ख्वाब भी कमाल के है;
    तु गरीबों को उन महलों के सपने दिखाती है;
    जिसमें अमीरों को नींद नहीं आती।
  • मुझको थकने नहीं देता, ये जरूरतों का पहाड़;<br/>
मेरे  बच्चे  मुझे  बूढा  होने  नहीं देते।Upload to Facebook
    मुझको थकने नहीं देता, ये जरूरतों का पहाड़;
    मेरे बच्चे मुझे बूढा होने नहीं देते।