ज़िन्दगी Hindi Shayari

  • जिंदगी की हकीकत को बस हमने इतना ही जाना है;<br/>
दर्द में अकेले हैं और खुशियों में सारा जमाना है!Upload to Facebook
    जिंदगी की हकीकत को बस हमने इतना ही जाना है;
    दर्द में अकेले हैं और खुशियों में सारा जमाना है!
  • सब को फिक्र है ख़ुद को सही साबित करने की;<br/>
ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं कोई इल्ज़ाम हो जैसे!Upload to Facebook
    सब को फिक्र है ख़ुद को सही साबित करने की;
    ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं कोई इल्ज़ाम हो जैसे!
  • रिश्तों में प्यार की मिठास रहे,<br/>
एक न मिटने वाल एहसास रहे;<br/>
कहने को छोटी से हैं ये जिन्दगी,<br/>
लम्बी हो जाए अगर अपनों का साथ रहे!Upload to Facebook
    रिश्तों में प्यार की मिठास रहे,
    एक न मिटने वाल एहसास रहे;
    कहने को छोटी से हैं ये जिन्दगी,
    लम्बी हो जाए अगर अपनों का साथ रहे!
  • हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,<br/>
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये;<br/>
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,<br/>
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये!Upload to Facebook
    हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,
    ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये;
    एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,
    धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये!
  • हम तो अक्सर सारे गमो को हँस कर गले लगा लेते है;<br/>
क्योंकि जिंदगी हमारी ही है इसे हम खुल कर जी लेते है!Upload to Facebook
    हम तो अक्सर सारे गमो को हँस कर गले लगा लेते है;
    क्योंकि जिंदगी हमारी ही है इसे हम खुल कर जी लेते है!
  • मुझे तेरा साथ जिंदगी भर नहीं चाहिये;<br/>
बल्कि जब तक तु साथ है तब तक जिंदगी चाहिये!Upload to Facebook
    मुझे तेरा साथ जिंदगी भर नहीं चाहिये;
    बल्कि जब तक तु साथ है तब तक जिंदगी चाहिये!
  • मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं पर;<br/>
सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते!Upload to Facebook
    मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं पर;
    सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते!
  • माटी से बने शरीर को अब गुरुर सा हो चला है;<br/>
की कपड़ों पर लगी मिट्टी उसका रुतबा कम करती है!Upload to Facebook
    माटी से बने शरीर को अब गुरुर सा हो चला है;
    की कपड़ों पर लगी मिट्टी उसका रुतबा कम करती है!
  • ज़िस्म अटका रहा ख़्वाहिशों में और <br/>
ज़िंदगी हमें जी कर चलती बनी!Upload to Facebook
    ज़िस्म अटका रहा ख़्वाहिशों में और
    ज़िंदगी हमें जी कर चलती बनी!
  • जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो,<br/>
जरुरी तो नहीं हम जिसके हैं वो हमारा हो;<br/>
कुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती है,<br/>
जरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो!Upload to Facebook
    जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो,
    जरुरी तो नहीं हम जिसके हैं वो हमारा हो;
    कुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती है,
    जरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो!