रिश्तों में प्यार की मिठास रहे, एक न मिटने वाल एहसास रहे; कहने को छोटी से हैं ये जिन्दगी, लम्बी हो जाए अगर अपनों का साथ रहे! |
हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये, ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये; एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे, धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये! |
हम तो अक्सर सारे गमो को हँस कर गले लगा लेते है; क्योंकि जिंदगी हमारी ही है इसे हम खुल कर जी लेते है! |
मुझे तेरा साथ जिंदगी भर नहीं चाहिये; बल्कि जब तक तु साथ है तब तक जिंदगी चाहिये! |
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं पर; सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते! |
माटी से बने शरीर को अब गुरुर सा हो चला है; की कपड़ों पर लगी मिट्टी उसका रुतबा कम करती है! |
ज़िस्म अटका रहा ख़्वाहिशों में और ज़िंदगी हमें जी कर चलती बनी! |
जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो, जरुरी तो नहीं हम जिसके हैं वो हमारा हो; कुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती है, जरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो! |
ग़म न कर जिंदगी बहुत बड़ी है, यह महफ़िल तेरे लिए ही सजी है, बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख, तकदीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है! |
मुस्कुराने के बहाने जल्दी खोजो वरना; ज़िंदगी रुलाने के मौके तलाश लेगी! |