दर्द Hindi Shayari

  • इतने कहाँ मसरूफ हो गए हो आजकल;<br/>
की अब दिल दुखाने भी नहीं आते!Upload to Facebook
    इतने कहाँ मसरूफ हो गए हो आजकल;
    की अब दिल दुखाने भी नहीं आते!
  • एक उम्र से तराश रहा हूँ खुद को, कि हो जाऊं लोगो के मुताबिक;<br/>

पर हर रोज ये जमाना मुझमे, एक नया ऐब निकाल लेता है!Upload to Facebook
    एक उम्र से तराश रहा हूँ खुद को, कि हो जाऊं लोगो के मुताबिक;
    पर हर रोज ये जमाना मुझमे, एक नया ऐब निकाल लेता है!
  • जिंदगी जैसे जलानी थी वैसे जला दी हमने गालिब;<BR/>
अब धुएँ पर बहस कैसी और राख पर ऐतराज कैसा!
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    जिंदगी जैसे जलानी थी वैसे जला दी हमने गालिब;
    अब धुएँ पर बहस कैसी और राख पर ऐतराज कैसा!
  • सुना था लोगों से वक्त बदलता है;<br/>
आज वक्त ने बताया लोग बदलते हैं!
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    सुना था लोगों से वक्त बदलता है;
    आज वक्त ने बताया लोग बदलते हैं!
  • इस दिल को और बेकरार तो होना ही था;<br/>
किसी न किसी से उसे प्यार तो होना ही था!<br/>
तुम अपने आस्तीन में गर साँप पाल रहे हो;<br/>
आप को थौड़ा ख़बरदार तो होना ही था!Upload to Facebook
    इस दिल को और बेकरार तो होना ही था;
    किसी न किसी से उसे प्यार तो होना ही था!
    तुम अपने आस्तीन में गर साँप पाल रहे हो;
    आप को थौड़ा ख़बरदार तो होना ही था!
  • फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फ़ासले बढा दिए;<br/>
वरना सब यार एक साथ थे, अभी कल ही की तो बात है!
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    फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फ़ासले बढा दिए;
    वरना सब यार एक साथ थे, अभी कल ही की तो बात है!
  • मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं।<BR/>
मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है।Upload to Facebook
    मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं।
    मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है।
  • ये कश्मकश है ज़िंदगी की, कि कैसे बसर करें,<br/>
ख़्वाहिशें दफ़न करें, या चादर बड़ी करें!Upload to Facebook
    ये कश्मकश है ज़िंदगी की, कि कैसे बसर करें,
    ख़्वाहिशें दफ़न करें, या चादर बड़ी करें!
  • खामोशियाँ ही बेहतर हैं जिंदगी के सफर में;<br/>
लफ्जों की मार ने कई घर तबाह किये!Upload to Facebook
    खामोशियाँ ही बेहतर हैं जिंदगी के सफर में;
    लफ्जों की मार ने कई घर तबाह किये!
  • दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है,<br/>
आखिर इस दर्द की दवा क्या है,<br/> 
हमको उनसे है उम्मीद वफ़ा की,<br/> 
जो जानते ही नहीं वफ़ा क्या है।Upload to Facebook
    दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है,
    आखिर इस दर्द की दवा क्या है,
    हमको उनसे है उम्मीद वफ़ा की,
    जो जानते ही नहीं वफ़ा क्या है।