बड़ा फर्क है तेरी और मेरी मोहब्बत में, तू परखता रहा और हमने ज़िंदगी यकीन में गुजार दी। |
खुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैंने, बस एक शख्स को मांगा मुझे वही ना मिला। |
ऐसा नहीं कि दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी, पर हाथो में तेरे नाम की लकीर नहीं थी। |
चुप हैं किसी सब्र से तो पत्थर न समझ हमें, दिल पे असर हुआ है तेरी बात-बात का। |
यादें करवट बदल रही हैं दूर तलक मैं तन्हाँ हूँ, वक़्त भी जिससे रूठ गया है मैं वो बेबस लम्हा हूँ। |
जब भी करीब आता हूँ बताने के लिए; जिंदगी दूर कर देती है सताने के लिए; महफ़िलों की शान न समझना मुझे; मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिए। |
गम किस को नहीं तुझको भी है मुझको भी है, चाहत किसी एक की तुझको भी है मुझको भी है। |
ये कह कर खुदा ने कर दिया हर गुनाह से आज़ाद मुझे, कि तू तो पहले से ही मोहब्बत किये बैठा है, अब इस से बड़ी कोई और सजा मेरे पास नही। |
नाम उसका ज़ुबान पर, आते आते रुक जाता है; जब कोई मुझसे मेरी, आखिरी ख्वाहिश पूछता है। |
बहुत खूब है यूँ आपका शब्दों में मुझे लिखना, वरना तो सबने मुझे सदा बेजुबां ही माना है। |